किसी भी हालात से निपटने को तैयार है भारतीय सेना: लेफ्टिनेंट जनरल आलोक

भारतीय सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आलोक सिंह क्लेर ने कहा कि भारतीय सेना किसी भी हालात से निपटने को तैयार है। शनिवार को बीकानेर में सैन्य स्टेशन में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए क्लेर ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'नॉन स्टेट एक्टर' का प्रशिक्षण देना पश्चिमी पड़ोसी देश की सैन्य डिजाइन का हिस्सा है।


उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि उनके प्रशिक्षण कैंप कहां हैं। बालाकोट हमला इसका बहुत अच्छा उदाहरण है। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने पिछले साल फरवरी में नियंत्रण रेखा के पार बालाकोट में आतंकी प्रशिक्षण शिविरों पर कार्रवाई की थी।

क्लेर ने कहा कि कई बार नॉन स्टेट एक्टर की कार्रवाई के कारण कुछ घटनाएं हो जाती हैं क्योंकि 24 घंटे शत प्रतिशत सुरक्षा चाकचौबंद रखना चुनौतीपूर्ण काम है। उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारी सेना की ओर से इससे निपटने के लिए हमने अपनी रणनीति में बदलाव किए हैं।

क्लेर ने कहा कि हमारी सेना और सीमाओं पर हमारा प्रशासन, केंद्रीय पुलिस बल, बीएसएफ तालमेल एवं आपसी सहमति से किसी भी तरह की स्थिति के लिए तैयार है। लेकिन फिर भी मैं कहना चाहूंगा कि आतंकवादियों द्वारा की जाने वाली घटनाएं एक दो बार हो सकती हैं और हमें उनका उचित जवाब देने के लिए तैयार रहना होगा। पाकिस्तानी ड्रोन द्वारा भारतीय सीमा में हथियार गिराए जाने की घटनाओं के बारे में क्लेर ने कहा कि ये छोटे ड्रोन हैं, जिनकी क्षमता 1-2 किलो भार ले जाने की है। इनका इस्तेमाल नशीली दवाएं और छोटे मोटे हथियार गिराने के लिए किया जा रहा है। भारतीय सेना इसके खिलाफ कार्रवाई करती रहती है।

उन्होंने बताया कि जो ड्रोन इस्तेमाल किए किए जा रहे हैं वे सैन्य प्रकार के नहीं हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध और शांति के समय में इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रोन अलग होते हैं और सीमावर्ती इलाकों में जो गतिविधियां होती हैं, उनमें छोटे ड्रोन शामिल हैं न कि सैन्य कार्रवाई में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन। आतंकवाद के मुद्दे पर सैन्य कमांडर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आम लोगों की भी भूमिका होती है।