पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मंगलवार को हरियाणा की मौजूदा गठबंधन सरकार की नीतियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमारी नीति थी गांव-गांव स्कूल खोलो, गठबंधन सरकार की नीति है घर-घर ठेके खोलो। हमारी नीति थी युवाओं को खिलाड़ी बनाओ, इनकी नीति है युवाओं को नशेड़ी बनाओ ताकि, हरियाणा के युवाओं का ध्यान सरकार के गलत कारनामों की तरफ न जाए।
सरकार नौजवानों का ध्यान मुख्य मुद्दों से भटकाना चाहती है। उन्होंने नई आबकारी नीति को तुरंत वापस लेने की मांग की। दीपेंद्र हुड्डा मंगलवार को जिले में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह लोगों और युवाओं ने उनका स्वागत किया।
दीपेंद्र ने कहा कि हरियाणा के युवाओं की धाक देशभर में है। चाहे खेत खलिहान हो या खेल का मैदान हो या जंग का मैदान हो, हमेशा सबसे आगे रहता है हरियाणा का नौजवान। नई आबकारी नीति उस बहादुर और बलशाली नौजवान को पूरी तरह बर्बादी के रास्ते पर धकेल देगी। अगर सरकार ने इस नीति को तुरंत वापस नहीं लिया तो हरियाणा के नौजवानों का भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
अब असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में भी बाहर वालों को तरजीह दे रही सरकार
हरियाणा सरकार द्वारा राजनीति शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई नियुक्तियों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पार्ट-2 हरियाणा के युवाओं के भविष्य का नुकसान कर रही है।
हरियाणा के युवाओं से वादा किया गया था कि हरियाणा के युवाओं के लिए नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण किया जाएगा। असिस्टेंट प्रोफेसर पद का जो रिजल्ट आया, उसमें 18 में से 11 बच्चे अन्य प्रदेशों के लगाए गए हैं। दूसरे प्रदेशों के युवाओं को जेई-एसडीओ लगाने वाली सरकार अब असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में भी बाहर वालों को तरजीह दे रही है।